बिते हुये लम्हेको याद कर आज
पल पल ख्वाबकी तरहा आये
वो पल ही नारहा आबतो साथ
जेसे छुटता जिस्मसे रुह जाये
गुजरे लम्होँके शाखसे जेसे
कोही पल चुप्केसे चुरालाउँ
बिते बच्पनके वो यादेँ हेँ येसे
उम्र भर ही गुन्-गुनाता जाउँ
Friday, April 22, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment